हम सबमे सोचने कि क्षमता होती हैं हम अक्सर अपनी इस क्षमता का प्रयोग समय-समय पर करते हैं क्युकी सोचना हमारा स्वभाव है और हम अपना हर काम सोच-समझ कर ही करते है |
पर कभी कभी इन्सान ज्यादा सोचने लगता हैं जो overthinking कहलाती हैं जो उसके और उसके स्वास्थ्य के लिये बिल्कुल भी ठीक नही हैं तो आज के इस लेख में हम इसी बारे मे पढ़ेगें कि overthinking kya hota hai व overthinking(ज्यादा सोचने से) से बचने का उपाय?
overthinking kya hota hai?:-
इन्सान इस दुनिया मे सबसे बुद्धिमान प्राणी हैं वो अक्सर कोई भी काम करने से पहले सोचता हैं या किसी भी चीज के बारे मे सोचता रहता हैं और plan तैयार करता हैं इन्सान अपना हर काम सोच-समझ के ही करता हैं या किसी को याद करता हैं तो भी वो उसे सोचता हैं या अपने असफ़लताओ के बारे आदि और भी बहुत चीज़े के बारे मे सोचता हैं|
पर कभी-कभी वो कुछ ज्यादा सोचने लगता हैं अर्थात् व्यर्थ कि बातें हर वक़्त उसके दिमाग मे चलने लगती हैं जिसको सोचने का कोई मतलब नही होता और इस प्रकार इन्सान हर वक़्त कुछ ना कुछ सोचता रहता हैं जो उसके स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी ठीक नही होता और वो इससे चाह के भी बाहर नही निकल पाता बस यही बेवजह और हर वक़्त कोई चीज़ सोचते रहना या कोई बात दिमाग मे चलते रहना ही overthinking कहलाती हैं |
overthinking मे हमारा कोई वश नही चलता हर वक़्त कुछ ना कुछ अपने हिसाब से चलता हैं कभी अच्छी तो कभी वुरी यादें कभी कोई काम तो कभी कोई बात इसी के साथ हम overthinking करते करते वो भी सोचने लगते हैं जो हमे भूल जाना चाहिए जिस बात ने हमे अतीत मे बहुत दर्द दिया हो फ़िर एक बार उसको सोचने से हम निराशा से भर जाते हैं और हमारा आत्मविश्वास और स्वाभिमान लड़खड़ा जाता है |
overthinking(ज्यादा सोचने से) से बचने का उपाय:-
(1) किसी भी बात को लेकर ज्यादा deep और देर तक ना सोचे :-
अक्सर हम किसी भी अप्रिय बात या किसी भी बात को लेकर बहुत ज्यादा और deep सोचते हैं और सोचकर परेशान होते रहते है किसी भी समस्या के समाधान को लेकर सोचना चाहिए यह अच्छी बात हैं मगर उस बात के बीत जाने के बाद उस बात को बेवजह सोच कर कर परेशान होना ये हमारे लिये ठीक नही हैं अतः किसी भी बात को लेकर बहुत ज्यादा नही सोचे और ना हि परेशान हो क्योंकि इससे समस्या कम होने के बजाय बढ़ेगी ही |
(2) busy(व्यस्त) रहे:-
अक्सर हमारे दिमाग मे फ़िजूल कि बातें तभी आती हैं जब हम खाली रहते हैं अर्थात् जब हमारे पास कोई काम नही होता तो हमारा दिमाग तमाम बातें सोचने लगता हैं इससे बचने के लिए बेहतर होगा कि आप कभी खाली मत बैठे कोई ना कोई काम मे busy(व्यस्त) रहे|
(3) अकेले ना रहे:-
इन्सान जब अकेला होता हैं तो वह बहुत ज्यादा सोचने लगता हैं कभी ज़िन्दगी कभी काम कभी अन्य बातों को लेकर या युन कहे कि अकेलापन overthinking का मुख्य कारण हैं क्योंकि इन्सान जब अकेला होता हैं और करने को कुछ नही होता तो उसका दिमाग इधर उधर कि बातें सोचने लगते हैं, इस स्थिति से बचने के लिए बेहतर होगा कि आप अकेले रहने कि बजाय दोस्त, परिवार, रिश्तेदार आदि लोगों के साथ समय बिताये जिससे आप overthinking कि समस्या से निजात पा पायेगें|
(4) योग-प्राणायाम इत्यादि करे:-
हमारा मन जब एकाग्र नही होता अर्थात् जब अव्यस्थित व अशांत होता हैं तो हमारा मन हमारे वश मे नही रह जाता और अनेक प्रकार के बुरे ख्यालो, दुष्प्रवृत्तियो का अड्डा बन जाता जाता हैं और हमारे दिमाग मे हर वक़्त नकारात्मक बातें चलती रहती हैं जिससे हम मानसिक रूप से बीमार हो जाते हैं इससे बचने के लिए आप योग-प्राणायाम इत्यादि करे जिससे आपका मन एकाग्र मजबूत और व्यस्थित होगा तथा आप अपने मन पे काबू पा पायेगें तथा नकारात्मक विचारो और overthinking से बाहर निकल पायेन्गे|
(5) पुरानी बातों के बारे मे ना सोचे:-
कभी कभी ऐसा होता हैं कि हम कोई पुरानी बात याद करने लगते हैं पहले कि गलतियों के बारे मे सोचने लगते हैं काश ये ऐसे होता हैं ऐसे नही, काश मै ये सब गलतियां नही करता और इन्ही सब पुरानी बातों कि परत दर परत खुलती जाती हैं और हम overthinking के शिकार हो जाते हैं |
(6) दोस्त बनाये और उनके साथ समय बिताये:-
अक्सर देखा गया है कि वो लोग ज्यादा खुशमिजाज होते हैं जिनके बहुत सारे दोस्त होते हैं और जो दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताते हैं बजाय ऐसे लोग के जिन्हे अकेलापन पसन्द हैं और जिनके ज्यादा दोस्त नही हैं अकेले होने पर आप हमेशा कुछ ना कुछ सोचते रहेंगे लेकिन दोस्तों के साथ होने पर आप बस present मे रहेंगे तथा overthinking से बचे रहेंगे |
(7) वर्तमान मे जिये:-
इन्सान overthinking का शिकार तभी होता हैं जब वो वर्तमान मे ना जीकर हमेशा past मे रहता हैं अर्थात् पुरानी बातों के बारे मे सोचता रहता हैं और अफ़सोस करता रहता हैं ये जानते हुये कि उसके अफ़सोस करने से भी कुछ बदलेगा नही बस उसका time बर्बाद होगा और वो बेवजह उसे दुख होगा अतः बीती बातों को भुलना सिखे व उनका कभी अफ़सोस ना करे तथा वर्तमान मे जीने की कोशिश करे|
(8) खेल-खूद मे भाग ले/ शारीरिक गतिविधियाँ करे:-
अक्सर देखा गया हैं कि जो लोग खेल-कूद मे भाग लेते हैं या अन्य प्रकार कि शारीरिक गतिविधियाँ करते हैं वो ना करने वालो कि तुलना मे अधिक fit व स्वस्थ रहते हैं तथा उनका मानसिक स्वास्थ्य भी उन लोगो कि अपेक्षा ठीक रहता हैं तथा शारीरिक-गतिविधियो के कारण उनको नींद भी अच्छी आती हैं और वो आसानी से overthinking का शिकार नही होते | इसलिए बेहतर होगा कि आप अधिक से अधिक शारीरिक गतिविधियाँ करे और खेल-कूद मे ज्यादा से ज्यादा भाग ले |
(9) भरपूर नींद ले:-
कई प्रकार कि मानसिक व शारीरिक बिमारीयों का कारण अनिद्रा होती हैं अनिद्रा के कारण हम overthinking भी करने लगते हैं जो हमारे नींद ना आने की बिमारी को और बढाता हैं | इससे बचने के लिए हमे प्रतिदिन 8 घंटे कि भरपूर नींद लेनी चाहिये|
(10) कभी निराश मत हो:-
कभी भी अपने मन मे निराशा का भाव मत रखो अर्थात किसी बात को लेकर निराश ना हो अगर हम किसी बात को लेकर परेशान और निशान होते हैं तो निराशा से उबरने के बजाय हम लगातार उसी के बारे मे सोचा लगते हैं और हमारी ये आदत overthinking मे बदल जाती हैं जिससे हम उस निराशा से उबरने के बजाय उसमे और गहरे फ़सते चले जाते हैं अतः किसी भी प्रकार के निराशा का भाव अपने मन मे मत रखे तथा खुश रहे और ज़िन्दगी का आनन्द ले |