अक्सर हमारे मन मे ये सवाल उठता हैं कि हमारा लक्ष्य/goal क्या हैं हम दुनिया मे करने क्या आये हैं और अगर हमारा कोई लक्ष्य नहीं हैं तो हम अपने लक्ष्य का निर्धारण कैसे करें जब हमे ज़िन्दगी में कुछ नही सुझता हैं तो ये सवाल मन मे उठना लाजिमी हैं तो आज के इस लेख में हम इसी बारे मे जानेगें कि लक्ष्य से क्या आशय है व लक्ष्य का निर्धारण कैसे करें?
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लक्ष्य |
लक्ष्य से क्या आशय है:-
लक्ष्य जैसा कि नाम से ही लग रहा हैं कोई मकसद या goal जिसे हम अपनी life में achieve करना चाहते हैं हम सभी के अंदर कुछ ना कुछ करने या बनने कि ख्वाहिश होती हैं बस वही हमारा लक्ष्य हैं अर्थात् हमे अपने जीवन में जो मुकाम हासिल करना हैं जो पाना हैं वही हमारा लक्ष्य हैं अर्थात् जहाँ आके लगे कि अब ये हमारी अव्यवस्थित ज़िन्दगी व्यवस्थित हो गयी हैं और मेरा संघर्ष खत्म हो गया हैं बस वही हमारा लक्ष्य हैं |
लक्ष्य हर किसी का होता हैं व सबमे अलग-अलग प्रकार का लक्ष्य होता हैं बिना किसी लक्ष्य के कोई व्यकित जीवन मे कभी सफ़ल हो ही नही सकता क्योंकि जब उसका कोई लक्ष्य ही नही होगा तो उसे पता ही नही होगा कि करना क्या हैं और उसके ज़िन्दगी का मकसद क्या हैं ऐसे लोगो कि ज़िन्दगी हमेशा अव्यवस्थित रहती हैं तथा वे ज़िन्दगी में कोई भी मुकाम हासिल नही कर पाते|
लक्ष्य के प्रकार:- लक्ष्य के कई प्रकार होते है जिनमे से कुछ निम्न हैं -
(1) व्यकित्गत लक्ष्य:- वह लक्ष्य जो खुद को ध्यान मे रखकर बनाया जाता हैं जिसमे मे खुद का स्वार्थ निहीत हो अर्थात् खुद का कोई मुकाम हासिल करना हो ये लक्ष्य किसी का भी कैसा भी हो सकता हैं जैसे - किसी विद्यार्थी का परीक्षा में सफ़ल होने का लक्ष्य, किसी बेरोजगार का रोजगार पाने का लक्ष्य या किसी खिलाड़ी का जीतना लक्ष्य ये सब लक्ष्य खुद को ध्यान मे रखकर बनाये जाते हैं तथा इसमे खुद का स्वार्थ निहीत होता हैं अतः ये व्यकित्गत लक्ष्य कहलाते हैं |
(2) अल्पकालीक लक्ष्य:- अल्पकालीक लक्ष्य वे होते हैं जो बहुत छोटे समय के लिए बनाये जाते हैं अर्थात् उन्हे कुछ महिनो या 1 साल के अन्दर पुरा करना होता हैं जैसे exam मे सफ़लता का लक्ष्य, नौकरी पाने का लक्ष्य, अपना कोई व्यव्साय शुरुआत करने का लक्ष्य इन सब मे व्यकित को समय कम लगता हैं और उसे इस निश्चित समय मे लक्ष्य बनाना और पुरा करना होता हैं | इस प्रकार के लक्ष्य को आप बेहतर time-table, hard work, learning और consistency से हासिल कर सकते हैं सो डटे रहिये आपको लक्ष्य कि प्राप्ति अवश्य होगी |
(2) दीर्घकालीक लक्ष्य:- दीर्घकालीक लक्ष्य जो लम्बे अवधी के लिए बनाये जाते हैं अर्थात् इसमे एक साल से ज्यादा का समय लगता हैं इस प्रकार के लक्ष्य के पुरा होने मे कभी-कभी सालो लग जाते है इसमे सफ़लता आपके hard work और परिस्थितियों पर निर्भर करती हैं |
दीर्घकालीक लक्ष्य के अंतर्गत किसी team का कोई tournament जीतना जो कई सालो मे एक बार होता हैं या किसी खिलाड़ी का olympic मे gold medal जीतना या office मे प्रमोशन पाना ये सब दीर्धकालीक लक्ष्य होते हैं इन्हे लम्बी अवधी के लिये बनाया जाता हैं और इन्हे पुरा होने मे भी समय लगता हैं |
लक्ष्य का निर्धारण कैसे करें:-
(1) अपनी पसन्द/नापसन्द को जाने तथा उसके अनुसार लक्ष्य बनाये:-
अक्सर हम किसी के दबाव मे आकर या किसी अन्य कारण से कोई ऐसे काम करने लगते हैं या उसमे सफ़ल होने का लक्ष्य बना लेते हैं पर हमारा उस काम मे interest ना होने से उसको करने से कतराते हैं या बेमन से करते हैं जिससे हम लक्ष्य प्राप्ति से वंचित रह जाते हैं इसलिये हमे वो करना चाहिए और उस काम मे अपना लक्ष्य निर्धारण करना चाहिए जो काम हमे करना अच्छा लगता हो अर्थात् जिसमे हमारा interest हो जिससे हम उस काम को पुरे मन से बढ़ जाएंगे और हमे अपने बनाये लक्ष्य कि प्राप्ति मे आसानी होगी |
(2)खुद को समय दे/ अपने अंतर्मन कि बात सुने:-
कई बार हमे अपनी पसन्द/ नापसन्द का पता ही नही चल पाता हमे नही पता होता कि हमे क्या पसन्द हैं क्या नही इसलिए हम अक्सर confused रहते हैं कि life मे क्या करे क्या ना करे और इसी चक्कर मे हम कोई और रास्ता चुन लेते हैं और उसमे अपना लक्ष्य बना लेते हैं इससे बचने के लिए आप किसी एकान्त सी जगह मे अकेले जाये और वहाँ बैठे तथा खुद से बातें करे सोचे आपको क्या अच्छा लगता हैं क्या नही किस काम को आप पुरे interest के साथ कर सकते हैं और अपने अंतर्मन की आवाज़ सुने तथा उसी को अपना लक्ष्य बनाये |
(3) एक कॉपी पेन ले और उसपे अपनी पसन्द/नापसन्द को लिखे:-
जब भी आपको समय मिले आप एक कॉपी पेन लेकर उन चीज़ो के बारे मे लिखे जो करना आपको पसन्द हो और जिसमे आप expert हो और साथ ही उन चीजों के बारे मे भी लिखे जो करना आपको बिल्कुल नही पसन्द | इससे आपके अपने लक्ष्य के निर्धारणे मे आसानी होगी |
(4) hard work करे :- सिर्फ़ लक्ष्य का निर्धारण कर लेने से ही लक्ष्य कि प्राप्ति नही हो जाती उसके लिये hard work करना पड़ता हैं काम से जी चुराने वाले व मेहनत न करने वाले कभी अपने लक्ष्यो को प्राप्त नही कर सकते अतः लक्ष्य प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम.अत्यन्त आवश्यक हैं |
(5) एक fix time table बनाये और उसी अनुसार काम करे:-
अक्सर हम समय कि कीमत नही समझते और हर काम देर से करते हैं इससे कुछ काम होता हैं और कुछ छूट जाता हैं अतः अपने लक्ष्य कि प्राप्ति के लिए अपने कामो कि एक list बनाये और कौन सा काम किस समय करना हैं ये लिख ले तथा आप अपने लक्ष्य को कितने समय मे प्राप्त करना चाहते हैं ये भी लिख ले जिससे आप हर काम को अच्छे से कर पायेगें और साथ ही साथ समय का सदुपयोग करना भी सिख जाएंगे|
(6) दुसरे सफ़ल व्यकितयों को सुने और उनसे सलाह ले:-
जब हम बहुत ज्यादा उलझन मे होते हैं हमे उस समय समझ मे नही आता कि क्या करे क्या ना करे उस समय आप किसी ऐसे व्यकित से राय ले सकते हैं जो उस अवस्था से गुजर चुका हो और सफ़ल हो वो आपके उलझनो को जरूर दूर कर देगा तथा आपको कुछ ऐसे सलाह भी देगा जिससे आपको अपने लक्ष्य निर्धारण में मदद मिलेगी ऐसे लोगों कि बातों को हमेशा सुनते रहना चाहिए व उसपे अमल करना चाहिए|
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