Sardar vallabhbhai Patel |
हेलो दोस्तों आपका मेरी वेबसाइट getyourway.online मे स्वागत है आप सभी सरदार बल्लभ भाई पटेल जी को अवश्य जानते होंगे उनका जन्म 31 October 1875 को हुआ था वह भारत के प्रथम उप प्रधान मंत्री (1947-1950) थे सरदार बल्लभ भाई पटेल जी को "लौह-पुरुष" भी कहा जाता है आज अगर संगठित भारत का श्रेय अगर किसी को जाना चाहिए तो वो सरदार पटेल जी ही है उन्होंने बहुत सारी छोटी बड़ी रियासतो को मिलाकर एक संगठित व अखंडित राष्ट्र 'भारत' का निर्माण किया वे बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ ईमानदार और साहसी व्यकित थे उनकी मृत्यु 15 December 1950 को हुई | उन्होने देश, देशवासियो के लिए अपने कई विचार व्यकत किये जो आज भी उतने ही प्रासंगिक है जितनी उस समय थे इन विचारों को पढ़ के हमे बहुत कुछ सिखने को मिलेगा
तो आज के इस लेख मे हम सरदार बल्लभ भाई पटेल||सरदार बल्लभ भाई पटेल का नारा||सरदार बल्लभ भाई पटेल के विचार||sardar Vallabhbhai Patel quotation को पढ़ेगें | आप उनके इन विचारों को पढ़ कर इसपे जरूर अमल करे|
सरदार बल्लभ भाई पटेल का नारा||सरदार बल्लभ भाई पटेल के विचार
(1) खुद का अपमान सहने की कला भी हमारे अंदर होनी चाहिए |
(2) मेरी बस केवल एक ही मनोकामना है कि हमारा देश भी एक अच्छे अन्न उत्पादक की श्रेणी मे आये और हमारे इस भारत देश में कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोये और अन्न-जल के लिए कभी ना तरसे |
(3) जब समस्त जनता एकजुट हो जाती है, तो कितना भी क्रूर शासन क्यों ना हो टिक नही सकता। अतः हम सबको ऊंच-नीच व जाति-पाति के भेदभाव को भुलाकर एक साथ हो जाना चाहिए।
(4) ज्यादा बोलने का वैसे तो कोई भी लाभ नही होता है उल्टा सबकी नजरो में आपकी छवि खराब होती है |
(5) जब शक्ति का अभाव हो तो हमारा विश्वास व्यर्थ है. हमारा विश्वास और शक्ति, दोनों ही किसी बड़े एवं महान कार्य को पूरा करने के लिए जरूरी हैं।
(6) हमारी इस मातृभूमि की मिट्टी में जरूर कुछ अलग बात है, क्योंकि कई तरह की बाधाओं आदि के बावजूद भी हमारी यह मिट्टी हमेशा से ही महान आत्माओं की निवास स्थली रही है|
(7) अब हम सबको ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-धर्म आदि सभी प्रकार के भेदभावों को जड़ से खत्म कर देना चाहिए।
(8) अपनी वाणी मे हमेशा मर्यादा रखिये क्योंकि गालियाँ देने का काम तो कायर लोग करते है |
(9) मनुष्य को सदैव ही शांतचित्त अवस्था मे रहना चाहिए, क्रोध इत्यादि कभी नहीं करना चाहिए जिस तरह लोहा भले ही कितना भी गर्म हो, हथौड़े को हर समय ठंडा रहकर ही अपना काम करना चाहिए नही तो वह खुद ही अपना हत्था जला बैठेगा। अतः कोई भी राजा अपनी प्रजा से कितना भी गुस्सा क्यों न हो जाये, आखिरकार अंत में जाकर तो उसे ठंडा होना ही पड़ेगा।
(10) आपका बहुत ज्यादा अच्छा होना ही आपके स्वयं के मार्ग में बाधक है, इसलिए आप अपनी इन आंखों को अपने क्रोध से लाल होने दीजिये, और हर अन्याय का सामना अपने इन फौलादी मजबूत दोनो हाथों से कीजिए।
(11) हमारे अधिकार हमारी आँखों को तब तक अंधा बनाके रखेंगे, जब तक हम लोग अपने उस अधिकार को पाने के लिए कोई भारी कीमत ना चुका दे।
(12) संस्कृति जान एवं समझ-बूझकर शांतियता के ऊँपर रची गयी है। जिनको भी मरना होगा वे अपने किये गए पापों से ही मरेंगे। जो कार्य प्रेम और शांति से हो सकता है, वह लड़ाई-झगड़े से कभी भी नहीं होता।
(13) एक इंसान जब तक अपने अन्दर छिपे बच्चे को जिंदा रखता है तब तक ही उस इंसान का जीवन उस अंधेरी छाया (जो इंसान के मस्तक पर चिंता की लकीरे छोड़ देती है) से दूरी बनाये रखा जा सकता है |
(14) अगर आप मे सामर्थ्य की कमी है तो फिर आपका विश्वास किसी भी काम का नहीं रहता क्योंकि अपने महान उद्देश्यों की पूर्ति के लिए, आप मे शक्ति और विश्वास दोनों का होना अत्यंत ही जरूरी है।
(15) आपका अविश्वास ही आपके andar4 के डर का एकमात्र प्रमुख कारण होता है।
sardar Vallabhbhai Patel quotation
(16) हमारे इस भारत देश में अनेकों जाति धर्म, भाषाएँ और प्रथाएँ है इन sab सब के बावजूद हमारे इस देश की संस्कृति एक सी ही है।
(17) जो व्यक्ति सम्मान के काबिल होता है, उसको हर जगह ही मान-सम्मान मिल जाता है परंतु उसको भी अपने जन्म-स्थान पर अपने लोगों के द्वारा सम्मान हासिल करना अत्यंत ही bकठिन कार्य है।
(18) त्याग की कीमत तभी पता चलती है, जब अपनी किसी मूल्यवान चीज को त्यागना पड़े। जिस व्यक्ति ने आज तक कभी त्याग ही नहीं किया हो, वह त्याग का मूल्य भला क्या जाने।
(19) अगर बेहद थका हुआ इंसान आराम करने के बजाय दौड़ने लगे तो वह अपने गंतव्य पर पहुँचने की बजाय अपनी जान से हाथ धो बैठता है, ऐसे समय पर आपका आराम करना और फिर आगे बढ़ने की शक्ति जुटाना ही उसका परम कर्तव्य हो जाता है।
(20) प्रजा का राज्य पर विश्वास ही, एक राज्य की निर्भयता की पहचान है।
(21) हमे मान-सम्मान भी अपनी योग्यता के अनुसार ही मिलते हैं।
(22) सच्ची त्याग भावना और आत्मा की शुद्धि के बिना कभी भी स्वराज नहीं मिलेगा। जो आलस, ऐशो-आराम और अय्यासी में लिप्त रहते है उनके नसीब मे स्वराज की प्राप्ति कहाँ। अपने आत्मबल के दम पर खड़े होकर रहने को ही स्वराज कहते हैं।
(23) सभी सत्ताधीशों की राज्य और सत्ता भी उन सत्ताधीशों की मृत्यु के उपरांत ही नष्ट हो जाती है, पर जो एक सच्चे महान देशभक्त होते है उनकी स्थापित सत्ता मरने के बाद भी रहती है, अतः अपनी देशभक्ति मे जो मिठास है, वह दुनिया मे किसी और वस्तु में नहीं है।
(24) सत्य के पथ पर चलने के लिए अपने अंदर की बुराई का त्याग अत्यंत ही जरूरी है साथ ही चरित्र मे सुधार भी आवश्यक है।
(25) सेवा भाव वाले व्यक्ति को विनम्र भी होना चाहिए, खाकी वर्दी पहन कर भी हमारे अंदर अभिमान की भावना नहीं, विनम्रता होनी चाहिए।
(26) हमारे जीवन में जितना भी दुःख भोगना लिखा होता है वह तो हमे अवश्य ही भोगना पड़ेगा तो इस बात की बेकार में चिंता क्यूँ करना ?
(27) अगर हम सबकी लाखों-करोड़ों की सम्पति भी चली जाए या हमारा संपूर्ण जीवन ही बलिदान की भेट चढ़ जाए फिर भी हमें ईश्वर की सच्चाई पर विश्वास और उनको मन मे रखकर सदैव प्रसन्न रहना चाहिए।
(28) अपने अंदर विश्वास रखकर आलस्य को त्याग दीजिये, अपने सारे वहम को मिटा दीजिये, डर को छोड़िये व निडर बनिये, फूट का त्याग कीजिये, खुद से कायरता निकाल फेकियें, हिम्मत रखे, बहादुर और आत्मविश्वासी बनिए। अगर आप ये सब कर लेंगे तो फिर आपकी जो भी इच्छा होगी वही आपको हासिल होगा। इस दुनिया में जो भी व्यकित जिस भी चीज के योग्य है, उसे हमेशा वही मिलता है।
(29) ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि हमे शारीरिक और मानसिक शिक्षा साथ-साथ ही दी जाये | शिक्षा की प्रणाली इस प्रकार की होनी चाहिए जो छात्र के मन, शरीर और हमारी आत्मा का विकास करे।
(30) बहुत ज्यादा दुःख उठाने के कारण भी प्राय: हमारे अंदर कटुता की भावना आ जाती है, हमारी दृष्टि एकदम से संकुचित हो जाती है जिसके कारण हम एकदम से ही स्वार्थी तथा अन्य लोगों की कमियों आदि के प्रति असहिष्णु बन जाते हैं। किसी भी प्रकार के शारीरिक दुख से मानसिक दुख का होना ज्यादा खतरनाख होता है।
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तो आज के इस लेख में हमने सरदार बल्लभ भाई पटेल||सरदार बल्लभ भाई पटेल का नारा||सरदार बल्लभ भाई पटेल के विचार||sardar Vallabhbhai Patel quotation को पढ़ा उम्मीद करता हूं आपको मेरा ये लेख जरूर पसन्द आया होगा आप अपनी प्रतिकिया हमे comment के माध्यम से दे तथा इसे share भी करे अगर आपका कोई सुझाव हैं तो वो भी यहाँ comment मे बताये मैं उसपे अमल करूंगा|🙏