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डर हर किसी के life मे होता है डर ज़िन्दगी का एक अहम् हिस्सा होता है ठीक वैसे ही जैसे सुख, दुख, दर्द, ख़ुशी आदि हमारी ज़िन्दगी का हिस्सा होते है कभी कभी डर का होना लाजिमी है और इन्सान कभी ना कभी किसी बात को लेकर जरूर डरता है यहां उसका डर जायज है जब वो सही बात के लिए हो अर्थात् जिस बात के लिए डरना बनता हो तो डर से कोई problem नही होनी चाहिए |
मगर वही जब आप किसी बात को लेकर व्यर्थ ही डरने लगे या जिससे डरने का मतलब नही बनता उस बात से डरने लगे जैसे अंधेरे का डर, रास्तों पर चलते समय कोई दुर्घटना हो जाने का डर, परीक्षा मे फ़ेल होने का डर, नौकरी से निकाल दिए जाने का डर या बिजनेस मे घाटे का डर ये सब डर हमारे दिमाग की कल्पनाशक्ति से उत्पन्न डर होता है ये सब डर का सच होना कोई निश्चित नही होता फ़िर भी हम इसे लेकर डरते रहते है यह डर फ़िर हमारी तरक्की मे बाधक बनने लगता है और हम बेवजह इस डर के चंगुल मे फ़सते चले जाते है और परेशान होते है
इसलिए तो आज के इस लेख में मै आपको डर के नुकसान/nidar kaise bane/घबराहट और डर खत्म करने का मंत्र के बारे मे बताउन्गा आप मेरा ये लेख अंत तक जरूर पढ़े और इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे |
डर के नुकसान:-
डर हर किसी के ज़िन्दगी मे होता है कभी कभी कुछ डर हमे खतरे के प्रति सजग रखते है जिससे हम उस खतरे से बचे रहते है वही कभी कभी किसी बात के लिए ज्यादा डर हमारे लिए नुकसानदेह भी होता है जैसे कि-
(1) आत्मविश्वास मे कमी |
(2) बेवजह के डर से स्वास्थ्य खराब होना|
(3) एकाग्रता मे कमी |
(4) मानसिक अशांति |
(5) अनिद्रा |
(6) तनाव|
(7) डिप्रेशन |
(8) काम मे मन ना लगना |
(9) चिड़चिड़ा होना |
(10) मानसिक थकावट |
nidar kaise bane/घबराहट और डर खत्म करने का मंत्र:-
(1) अपनी काल्पनिक सोच पर नियंत्रण रख के:-
हमे डर तभी लगता है जब हम उस डर के कारणों के बारे मे सोचते है ये हमारी काल्पनिक सोच ही होती है जो हमारी दिमाग मे आती है और हम उससे डरने लगते है भले ही वो हादसा असल मे हो या ना हो जैसे रोड पर दुर्घटना का डर, अंधेरे का डर, परीक्षा मे फ़ेल हो जाने का डर ये सब हमारे दिमाग की ही उपज है इसलिये जितना ही हम अपने दिमाग पर और इसके काल्पनिक विचारों पर काबु कर के रखेगें उतना ही हम इस प्रकार के डर से दुर रह पायेन्गे|
(2) योग/प्राणायाम आदि करके:-
तो आपको पता चल ही गया कि डर दिमाग के काल्पनिक विचारों की ही उपज है और इन विचारो पर काबु करके ही डर पर काबु किया जा सकता है और nidar बना जा सकता है इन विचारों पर काबू पाने के लिए आपके मन का मजबूत और संयमित होना जरूरी होता है और हम अपने मन को मजबूत और संयमित योग/प्राणायाम इत्यादि के द्वारा ही कर सकते है अतः हमे मानसिक मजबूती के लिए रोजाना योग/प्राणायाम करना चाहिए |
(3) डर का सामना करना :-
आपको जिस भी बात/व्यकित/जगह या चीज से डर लगता है उससे डर दूर करने के लिए बजाय आपको भागने के मजबूती से उस डर का सामना करे जैसे अगर आपको ऊँचाई से डर लगता है तो आप किसी ऊँचे जगह पर जाये और वहा समय बिताये या आपको अँधेरे या किसी व्यक्ति से डर लगता है तो आप अंधेरे या उस व्यकित का सामना करे अर्थात् उनके साथ वक़्त बिताये इससे आपका डर धीरे धीरे दूर हो जाएगा और आप निडर बन जाएंगे|
(4) सकारात्मक सोच रखे:-
अपने अंदर से डर को मिटाने और निडर बने रहने के लिए ये ज़रूरी है कि आप अपनी सोच को सकारात्म्क रखे |नकारात्मक सोच वाले लोगों मे कई तरह के डर घर कर जाते है जिससे उसका डर बढ़ता ही जाता है इसलिए जितना हो सके आप नकारात्मक सोच से दूर रहे | अपनी सोच को सकारात्मक रखने और negativity से दूर रहने के लिए आप meditation आदि भी कर सकते है या कोई अच्छी सकारात्मक विचारों वाली किताब भी पढ़ सकते है जिससे आपको जरूर फ़ायदा होगा |
(5) नकारात्मक सोच वाले लोगों से दूर रहे व सकारात्मक सोच वाले लोगों के साथ रहे:-
डर को खत्म करने और निडर बने रहने के लिए आपकी सोच सकारात्मक होनी जरूरी है इसके लिये आपको नकारात्मक सोच रखने वाले लोगों से दूर रहना होगा तथा सकारात्मक सोच रखने वाले लोगों के साथ रहना होगा जिससे आपको सकारात्मकता का माहौल मिलेगा और सकारात्मक बातें सुनने को मिलेगा जिससे आपकी सोच भी सकारात्मक होगी|
(6) असफ़लताओं/जोखिम लेने से ना डरे:-
कभी भी आप असफ़लताओ से ना डरे क्योंकि असफ़लता ही सफ़लता की सीढी होती है असफ़लता उन्ही को मिलती हैं जो कोशिश करते है क्योंकि कोशिश ना करने वालों को ना तो कभी असफ़लता मिलेगी और ना ही कभी सफ़लता का स्वाद |इसलिए असफ़लता के डर से ना घबराये निडर बने और दोबारा risk/जोखिम ले सफ़लता आपके कदम जरूर चूमेगी|
(7) सच को स्वीकारे और झूठ पर ध्यान ना दे:-
कुछ बातों का डर इंसान को हर वक्त होता है क्योंकि वह चीज़ कभी भी घट ही सकती है जैसे failure या किसी की अकस्मात दुर्घटना या मौत ये किसी के बस मे नही होता अतः इस सच्चाई को स्वीकार कर ले और बेवजह इसके बारे मे ना सोच के इस डर से दूर रहे | वही कुछ झूठी बातें भी हमारे मन मे भर दी जाती है जिससे हम बेवजह डरते रहते है और परेशान रहते है इसलिए इन झूठी बातों से दूरी बनाये रखे जिससे आप डर से दूर निडर बने रह सकते है|
(8) आप अपने उस डर के बारे मे सोचे:-
जब भी आपको किसी बात या चीज़ से डर लगे तो आप आराम से एकान्त मे बैठकर अपने उस डर के बारे मे सोचे और उसका विश्लेषण करे और खुद से पुछे कि क्या आपको उस बात या वस्तु से डरना जायज है या आप बेवजह ही डर का माहौल तैयार कर रहे है और डर रहे है तथा साथ ही साथ आपके अपने डर के बारे मे गहराई से सोचने पर धीरे-धीरे आपका वो डर दूर हो जाएगा और आप निडर बन सकेंगे इसके अतिरिक्त ये भी एक तरीका है कि आप अपने किसी दोस्त रिश्तेदार या घरवालो से अपने उस डर के बारे मे बात करे जिससे आपका वो डर कम होगा|
तो दोस्तों आज के इस लेख में हमने डर के नुकसान || nidar kaise bane || घबराहट और डर खत्म करने का मंत्र के बारे में पढ़ा उम्मीद करता हूं आपको मेरा ये लेख जरूर पसन्द आया होगा आप अपनी प्रतिकिया हमे comment के माध्यम से दे तथा इसे share भी करे अगर आपका कोई सुझाव हैं तो वो भी यहाँ comment मे बताये मैं उसपे अमल करूंगा|🙏